"My vision is that everyone irrespective of their history must be allowed to participate in making this world a better place" - Jitendra Rajaram Hopeful! Everyone can be hopeful, no one must die hopeless Economy is a political arrangement of power. It is not about money. Money is a tool to exercise the power one holds. Politics is a continuous struggle of reshuffling the power arrangement among various power fringes. These fringes are class, caste, community, ethnicity, skin colour, gender, age, and family identities. Macroscopically, this struggle is homogeneous, everyone is fighting with everyone else. Microscopically however, one can observe patterns. The patter is a binary, a war between “Handful powerful elites” and “Million weak, poor and discarded bands of people”. Whoever is ruling, has actually achieved a temporary state of equilibrium. This equilibrium is the sum of positive and negative powers like religion, wealth, societies, people unions,
जम्मू और कश्मीर की पूर्ववर्ती स्थिति का जम्मू और कश्मीर के दो अलग-अलग केंद्रों और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेशों के साथ 31 अक्टूबर, 2019 से अस्तित्व में आना बंद हो गया है। जम्मू और कश्मीर का संविधान और रणबीर दंड संहिता भी समाप्त हो गया है। देश में कुल राज्यों की संख्या अब 28 हो जाएगी जबकि केंद्र शासित प्रदेशों की कुल संख्या 9 हो जाएगी केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू और कश्मीर और लद्दाख का नेतृत्व उप राज्यपाल जीसी मुर्मू और आर.के. क्रमशः माथुर इससे पहले 5 अगस्त, 2019 को, केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 35 ए और अनुच्छेद को समाप्त कर दिया कुल मिलाकर, जिसने जम्मू और कश्मीर को एक विशेष दर्जा दिया। इसने सभी प्रावधानों को बढ़ा दिया एक बार में राज्य के लिए संविधान और सभी नागरिकों को राज्य में संपत्ति खरीदने और वोट करने की अनुमति दी। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने भी तत्कालीन राज्य में राष्ट्रपति शासन को निरस्त कर दिया इसने इस क्षेत्र को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया: जम्मू और कश्मीर विधायिका और लद्दाख के बग़ैर विधायिका के साथ। पुलिस और कानून-व्यवस्था सीधे केंद्र स